दोस्तों आपने भारत की जनसंख्या के आंकड़ों में देखा होगा कि भारत में लगभग 41 प्रतिशत लोग हिंदी बोलते हैं जबकि 8 प्रतिशत लोग बंगाली फिर 7 प्रतिशत लोग तेलुगु । आदि आदि । इससे स्पष्ट होता है कि हिंदी, भाषा के मामले में एक बड़ी जनसंख्या द्वारा समर्थित है । परन्तु सिर्फ इतना नहीं है । असल में भारत में हिंदी भाषियों की जनसंख्या 41 प्रतिशत से कहीं ज्यादा है । इस बारे में हम थोड़ा गहराई में जाएँ तो स्पष्ट हो जाता है ।
दरअसल जनगणना के समय प्रथम भाषा और द्वितीय भाषा आदि पूछे जाते हैं । इनमें से 41 प्रतिशत वह आँकड़ा है जिन्होंने हिंदी को अपनी प्रथम भाषा बताया है । लेकिन हम सब जानते हैं कि लाखों करोड़ों लोग ऐसे हैं जिनकी प्रथम भाषा बंगाली, तेलुगु आदि है लेकिन वे अपने व्यवसाय के दौरान हिंदी फर्राटे से बोल लेते हैं । जाहिरे है यह आँकड़ा भी मायने रखता है । यदि आप किसी हिंदी जानने वालों की सही संख्या जानना चाहते हैं तो इनको भी जोड़ना होगा । आइये देखते हैं कि किन राज्यों में ऐसे लोग हैं जिनकी प्रथम भाषा हिंदी नहीं लेकिन जो हिंदी फर्राटे से बोल सकते हैं ।
पंजाब - पंजाब के लोग पंजाबी बोलते हैं जो कि बहुत ही आकर्षक और दमदार भाषा है । लेकिन हम सब जानते हैं कि पंजाबी भाषा हिंदी के काफी कुछ समान है । हिंदी भाषी थोड़ी बहुत पंजाबी तो बोल ही लेते हैं जैसे- मैन्नू तैन्नू तुसी इत्थे उत्थे आदि । वहीं पंजाबी भाषी लोग फर्राटे से हिंदी बोल पाते हैं ये किसी से छिपा हुआ तथ्य नहीं है । हम सभी जानते हैं कि पंजाबियों की हिंदी में एक प्रकार की पंजाबी एक्सेन्ट (लहजा) आ जाता है जिसके बावजूद वह अच्छी लगती है । तारक मेहता का उल्टा चश्मा में एक पंजाबी पात्र हैं जो बहुत अच्छे से हिंदी बोलते हैं ।
कश्मीर - कश्मीर में हिंदी भाषा पर्यटन के कारण लोकप्रिय रही है । पर्यटकों से व्यवहार करते समय स्थानीय लोग हिंदी ही बोलते हैं ।
गुजरात - गुजरात के सीएम मोदी जी आज जनता के पीएम बन चुके हैं । उनके हिंदी भाषण सारा गुजरात कान लगाकर सुनता है । दूसरी तरफ गुजरात ही एक ऐसा राज्य है जहाँ के सौराष्ट्र से भारत भर में प्रसिद्ध बहुत सारे सन्त हुए हैं । उन सभी के जरिये हिंदी भाषा गुजरात में भी लोकप्रिय हो गई है ।
महाराष्ट्र - महाराष्ट्र की भाषा मराठी है लेकिन हिंदी भाषी फिल्में बनाने का हब यानी मुंबई भी महाराष्ट्र में ही है । भारत भर के हिंदी भाषी कलाकार फिल्मों में अपनी अभिव्यक्ति आजमाने के लिए कहीं और नहीं बल्कि महाराष्ट्र ही जाते हैं ।
बंगाल - बंगाल हालाँकि आर्थिक रूप से सुदृढ़ न होने के कारण शेष भारत से कम संपर्क में रहा है, लेकिन फिर भी इसकी भाषा हिंदी से काफी मिलती जुलती है तथा बिहार से निकट संपर्क होने के कारण यहाँ भी हिंदी काफी समझी जाती है ।
पूर्वोत्तर भारत - पूर्वोत्तर भारत में स्थानीय भाषाएँ हैं जो कि बहुत कम जनसंख्या द्वारा ब ोली जाती हैं, ऐसे में हिंदी ही इनको शेष भारत से जोड़ने का कार्य करती है ।
दक्षिण भारत - दक्षिण भारत में हिंदी का कभी विरोध रहा करता था, लेकिन अब वह पुरानी कहानी हो चुकी है । वैसे भी दक्षिण भारत के आई टी प्रधान नगरों जैसे चेन्नई, बंगलौर, हैदराबाद, आदि में हिंदीभाषियों की संख्या बढ़ने से अब वे लोग हिंदीभाषियों को ज्यादा स्नेह के साथ देखने लगे हैं । इस प्रकार हम देखते हैं कि भारतभर में हिंदी भाषा, औपचारिक आँकड़ों से कहीं ज्यादा व्यापक है । हालाँकि औपचारिक आँकड़े भी इसे कहीं कम नहीं ठहराते हैं ।
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