दोस्तों आपने बाहुबली -1 तो देखी ही होगी, करोड़ों फिल्मप्रेमियों की तरह अब बाहुबली -2 भी देख ली होगी ।
इसके केन्द्र में जो स्थान है वो है माहिष्मती साम्राज्य । यूँ तो मध्यपूर्व भारत में एक माहिष्मती नाम का राज्य कभी रहा है । लेकिन ये फिल्म वाला माहिष्मती काल्पनिक है । कुछ कुछ राज कॉमिक्स की वीरतापूर्ण कहानियों की तरह ।
कालकेय की भाषा है किलकिली । है ना बड़ा अजीब सा नाम ।
जितना अजीब सा ये नाम है उतनी अजीब ये भाषा है ।
आप और कुछ समझें न समझें इतना तो समझ गए होंगे इस भाषा को सुनकर, कि ये बड़ी क्रूर और बर्बर किस्म की भाषा है । लेकिन बिना अर्थ समझे सिर्फ टोन से हम कैसे समझ पा रहे हैं कि ये क्रूर और बर्बर है ।
असल में इस भाषा को ऐसी टोन में बोला गया है मानो बोलने वाले ने शराब पी रखी हो, पहला तो यही प्रभाव है ।
दूसरा कारण ये है कि इसमें कठोर वर्णों का उपयोग ज्यादा है ।
कठोर वर्ण यानी ख छ ठ थ फ घ झ ढ ध भ आदि ।
ये बहुत पुरानी ट्रिक है कि जब बात को कठोर बनाना हो तो उसमें इन वर्णों का इस्तेमाल ज्यादा किया जाता है ।
चूँकि ये भाषा किलकिली, पहले से मौजूद नहीं है, बल्कि लेखकों में से ही एक ने गढ़ी है, इसलिए उसके हाथ में था ही कि वो किन शब्दों से क्या अर्थ दे ।
तीसरा कारण ये है कि इस भाषा का उच्चारण ही ऐसा किया गया है कि सामान्यतः बोली जाने वाली कोई भी भाषा खरखरेपन में इसकी बराबरी नहीं कर सकती, कुछ तो इसका कारण ये भी है कि उच्चारण करने वाले चरित्र ही कठोर और बर्बर किस्म के हैं । यानी जब और कोई पात्र ही इसे नहीं बोल रहा तो ये भाषा बर्बर ही तरीके से बोली जाती हुई नजर आएगी ना ।
एक मजे की बात ये भी है कि हिंदी, तेलुगु या तमिल........ में से हिंदी वर्जन को देखने वाले अक्सर कालकेय की भाषा के कृत्रिम होने के तथ्य को
पहचान नहीं पाते, क्योंकि वे इसे दक्षिण की कोई भाषा समझकर इग्नोर कर देते हैं, क्योंकि उनको पता भी है कि बाहुबली दक्षिण के भाषाभाषियों ने
मिलकर बनायी है । हालाँकि तमिल, तेलुगु वर्जन देखने वाले लोग यानी दक्षिण भारतीय लोग इसे अपेक्षाकृत आसानी से पहचान लेते हैं कि ये जो भाषा
बोलते हुए दिखाई गई है दरअसल एक काल्पनिक भाषा है, क्योंकि वे दक्षिण की भाषाओं को पहचानने के अभ्यस्त जो हैं ! अब यदि आपको ये लेख पसन्द आया हो तो कमैन्ट करके बताएँ या दूसरों के कमैन्ट पढ़कर आनन्द लें ।
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